RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -27-Sep-2023

आज कल 

सोचती हूं आज कल तुम  क्या कर रहे हो
कुछ धूंधले से ख्वाब अब भी मेरे पास पड़े है,
क्या उनकी खोज में बैचैन हो रहें हो
कुछ रातों का अंधेरा ‌तुम मेरे पास छोड़ गए हो,
एक शायर की ग़ज़ल बना तुम अब मुझे खोज रहे हो
किसी की छाया में मेरी ‌तस्वीर बना रहे हो
कैसे अब बिन मेरे अपनी‌ सांसों का हिसाब कर रहे हो
कुछ सवाल मेरे पास जिन्हें छोड़ गए हो 
क्या उनका जवाब खुद से पूछ रहे हो। 
    राखी सरोज
नई दिल्ली 

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6 Comments

madhura

24-Nov-2023 04:25 PM

👍

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KALPANA SINHA

29-Sep-2023 01:44 PM

Amazing

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RISHITA

29-Sep-2023 08:57 AM

Very nice

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